गोरखपुर महानगर की खूबसूरती को चार चांद लगाने के लिए एक बड़ी योजना तैयार की गई है। बता दे कि गोरखपुर शहर के सभी छह प्रवेश द्वारों पर गोरखनाथ मंदिर से जुड़े संतो के नाम पर भव्य प्रवेश द्वार बनाए जायेंगे, इन सभी प्रवेश द्वारों की डिजाइन तैयार कर ली गई है और बहुत ही जल्द भव्य द्वारों के निर्माण का काम शुरू होगा।
आपको बता दे कि गोरखपुर महानगर में जिन रास्तों से लोग प्रवेश करेंगे उन्हें उन जगहों के महात्मय चिह्न देखने को मिलेगा। मिली जानकारी के अनुसार जैसे लखनऊ के तरफ से शहर में प्रवेश करने वालो को द्वारों पर उन्हें तीर और धनुष दिखाई देगा, इसका जुड़ाव लक्षण का लखनऊ से है। कुशीनगर से प्रवेश करने वालो को घंटी और स्तूप दिखाई देगा।
मुख्यमंत्री के अनुमति का है इंतेजार
आपको बता दे कि पिछले कुछ दिनों पहले सीएम गोरखपुर आए थे उस समय नगर आयुक्त ने उन्हे प्रवेश द्वारों के बारे में जानकारी दिया था हालांकि उन्होंने इसकी स्वीकृती दे दिया था। इन प्रवेश द्वारों का निर्माण नगर निगम हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिटी के तहत मिले धन राशि से कराएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को इसकी डिजाइन दिखाने के लिए तैयारी की जा रही है, सीएम के अनुमति मिलने के बाद इन महाद्वारो के निर्माण कार्य नगर निगम शुरू कर देगा।
ये रहेंगे सभी छह द्वारों के नाम
गोरखपुर- सोनौली मार्ग महंत दिग्विजयनाथ द्वार
गोरखपुर- महाराजगंज मार्ग महंत अवेद्यनाथ द्वार
गोरखपुर- कुशीनगर मार्ग का नाम बाबा गंभीरनाथ द्वार
गोरखपुर- लखनऊ मार्ग का नाम गुरु गोरखनाथ द्वार
गोरखपुर- वाराणसी मार्ग का नाम महंत बालकनाथ द्वार
गोरखपुर – देवरिया मार्ग का नाम महंत चौरंगीनाथ द्वार
अलग अलग द्वारों पर दिखेगा अलग अलग संस्कृति
• महंत दिग्विजयनाथ द्वार
आपको बता दे कि सोनौली से आने वाले लोगो को उत्तर भारतीय शैली वास्तुकला को दिखाया जायेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सोनौली पुरातात्विक स्थल है यहां पर खोदाई के दौरान पूर्व लौह युग का रथ मिला था इस प्रवेश द्वार पर विश्वनाथ मंदिर का डिजाइन बनाया जायेगा।
• महंत बालकनाथ द्वार
बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी धार्मिक संस्कृति से समृद्ध है। शिवर, गुबंद से बनाए जाने वाले द्वार को देखकर उत्तर भारत के मंदिरों का डिजाइन दिखेगा।यही नही इससे गोरखनाथ मंदिर में भी उजागर किया गया है मंहत बालकनाथ प्रवेश द्वार पर हाथी की मूर्ति कला बनाई जाएगी।
• महंत अवेद्यनाथ द्वार
बता दे कि महाराजगंज कोसल साम्राज्य का हिस्सा था बुद्ध के बारे में अब भी कई जानकारियां छुपी हुई है आपकी जानकारी के लिए बता दे की गोरखपुर से अलग दो अक्टूबर 1989 को महाराजगंज जिला बना था यहां प्रवेश द्वार पर हिंदू मंदिर से प्रेरित मेहराब का निर्माण होगा।
• महंत चौरंगीनाथ द्वार
देवरिया से आने वाले लोगो को नगर शैली में गुबंद, तोरण व स्तंभों के रास्ते गुरु गोरखनाथ के भूमि पर आने का अवसर मिलेगा। यह प्रवेश द्वार पर शेर की मूर्ति लगाई जाएगी, जो लोगो के साहस को प्रदर्शित करेगी।
• बाबा गंभीरनाथ द्वार
इस द्वार पर कुशीनगर के बौद्ध वास्तुकला की झलक को निर्माण कराया जायेगा, बता दे की बौद्ध वास्तुकला में घंटियों को बहुत पवित्र माना जाता है, इस्तेमाल होने वाला स्तंभ हिंदू व बौद्ध वास्तुकला का आदर्श संयोजन होगा यहां द्वार पर घंटी और स्तूप बनाया जायेगा।
• गुरु गोरखनाथ द्वार
आपको बता दे कि गोरखनाथ मंदिर का निर्माण नगर वास्तुकला से किया गया है नगर शैली की वास्तुकला में प्रवेश द्वार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है यहां आरोहण के मंदिर की प्रारंभिक बिंदु है यह द्वार पर तीर और धनुष का निर्माण कराया जायेगा।