अगर आपसे कोई भगवान का आधार कार्ड मांगे तो आप क्या कहेंगे, जी हां ऐसा वाक्या सामने आया है, आज हम आप लोगों के साथ एक ऐसा न्यूज़ शेयर करने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप भी कहेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है।

दरअसल  यह वाक्य यूपी के बांदा जिले का है।  जहां मंदिर की जमीन पर उपजे गेहूं को बेचने के लिए मंदिर समिति के लोग जब एसडीएम से बात किया तो, उन्होंने मंदिर समिति के लोगों से भगवान का आधार कार्ड लाने की बात कही। लेकिन बाद में जो मामला बढ़ा तो अफसरों ने इस बात को डालते हुए कहा कि भगवान का आधार कार्ड नहीं मांगा गया था, लेकिन नियम के अनुसार देखा जाए तो जिसके नाम से जमीन होगा उसी का आधार कार्ड दिखाना होता है।

उत्तर प्रदेश का खुरहंड गांव में भागवान  राम जानकी मंदिर स्थित  है और इसी मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मंदिर के पास 40 बीघा जमीन राम जानकी मंदिर के नाम से है । इस जमीन पर उगाए गए जितने भी अन्य होते हैं उनके बिक्री होने पर जो भी पैसा मिलता है वह सब मंदिर के पूजा अर्चना और रखरखाव पर खर्च होता है।

राम जानकी मंदिर संरक्षक राम कुमार दास के नाम से खुरहंड खरीद केंद्र में उपज के बिक्री के लिए ऑनलाइन पंजीकरण इनके नाम से कराया गया था। जिसका पंजीकरण सत्यापन के लिए लेखपाल से कहा गया था लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते अप्रैल महीने में सत्यापन नहीं हो पाया।

वहीं मई महीने में लेखपाल ने बताया कि उन्होंने सत्यापन कर दिया है । पंजीकरण के सत्यापन की जानकारी लेने के लिए जन सेवा केंद्र पहुंचने पर एसडीएम की ओर से पंजीकरण निरस्त करने की जानकारी मिली, जिसके बाद मंदिर समिति के लोगो द्वारा एसडीएम से बात करने पर उन्होंने कहा कि जिसके नाम से जमीन होगा उसी का आधार कार्ड लाना अनिवार्य है। समिति के लोगों ने कहा कि मंदिर भगवान के नाम से है तो भगवान का आधार कार्ड कहां से लाया जाए।

Rajan Sharma

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