गोरखपुर कैंट से पनियहवा तक ट्रेने अब 110 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से चलेंगी। इसके लिए रेलवे लाइन को दुरुस्त करने कार्य अंतिम चरण है। ट्रेनों की रफ़्तार बढ़ने के साथ-साथ झटके भी नही लगेंगे और दुर्घटनाओं पर भी रोक लग सकेगा। इस रूट पर सफर करने वालो को आरामदायक यात्रा का अनुभव कर सकेंगे।

आपको बता दें कि अधिकतम इस रूट पर रफ़्तार क्षमता 100 किलोमीटर प्रति घंटा है। अच्छी बात है कि वर्तमान में आधुनिक मशीनो से रेल लाइनों का नवनीकरण , प्वाइंट एयर स्लीपर को बदलने और मशीन पैकिंग, गिट्टी की सफाई कार्य तेजी से किया जा रहा है। इन सभी कार्यो को पूरा करने के लिए दिसंबर तक का लक्ष्य रखा गया है। रेल लाइनों को 110 किलोमीटर प्रतिघंटा दौड़ेंने के लायक बना कर इसका ट्रायल 120 किलोमीटर प्रतिघंटा के रफ़्तार से किया जायेगा।

मालूम हो कि गोरखपुर से पनियहवा रूट पर 16 जोड़ी ट्रेने यानी 32 एक्सप्रेस ट्रेन चलती है इसके अलावा बता दें कि छह जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं। 110 किलोमीटर की स्पीड होने से ट्रेनों के समय में सुधार होगा। यात्रियों को भी सहूलियत मिलेगी।

इस रूट पर चलने वाली प्रमुख ट्रेनें

सत्याग्रह एक्सप्रेस, सप्तक्रांति एक्सप्रेस, बापूधाम, अवध एक्सप्रेस, चंपारण सत्याग्रह स्पेशल, राप्ती गंगा एक्सप्रेस, गोरखपुर कोलकाता स्पेशल, मुजफ्फरपुर आनंद विहार टर्मिनल जयनगर स्टेशन।

जानिए क्या कहते हैं अधिकारी

रेल खंडों की स्पीड बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है जिन खंडों की 110 किलोमीटर की गति से कम है वहां गति बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।

Kush Singh

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